Loneliness is a feeling that everyone experiences at some point. Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari expresses these feelings beautifully. Akelapan Shayari 2 Line gives short and deep lines that explain the pain of being alone. Akelapan Shayari on Life connects people with the quiet struggles of life.
If you want to share your feelings, Akelapan Shayari in Hindi has touching words. Akelapan Shayari Sad is perfect for those feeling emotional pain. Whether you need Akelapan Shayari Status or Akelapan Shayari 2 Line in English, these shayari bring peace and understanding.
Sad Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari

क्या ज़रूरत थी दूर जाने की
पास रह कर ही तुम सता लेते
उसने वादा तो कर लिया लेकिन
घर ग़रीबों के कौन आता है
देखने वाले देख लें सूरत
फिर ये सूरत नज़र न आएगी
इतने बरसों की जुदाई है कि अब
तुमको देखेंगे तो मर जाएंगे
अपने लहज़े पे ग़ौर करके बता
लफ़्ज़ कितने हैं, तीर कितने हैं??
कौन खरीदेगा हीरों के दाम तेरे आँसू
वो जो दर्द का ताजिर था, शहर छोड़ गया
चुपके चुपके दे जाते हैं…!
गहरे रोग सुनहरे लोग…!
एक लफ़्ज़ मोहब्बत था, एक लफ़्ज़ जुदाई
एक वो ले गया, एक मुझे दे गया
नज़रअंदाज़ करे जो कोई
सुकून कीजिए, जाने दीजिए
लोग मक्सद से पास आते हैं
हम नहीं हैं किसी के मक्सद के
ज़रा सी बात कही उसने तल्ख़ लहजे में
ज़रा सी बात पे तकिया भिगो दिया हमने..!
तुमने देखा है फकत आँखों को
तुमने आँखों में कहाँ देखा है?
तस्लीम कर लेते हैं खामियाँ भी अपनी
कितने मासूम होते हैं उदास लोग
कौन देखेगा वो सलगते हुए आँसू
जो तकियों के ग़लाफों में ज़ब्त हो जाते हैं
जड़ते हुए देखा नहीं टूटे हुए दिल को
गर जाएं जो आँसू तो उठाए नहीं जाते
बे दर्द ज़माने का बहाना सा बना कर
हम टूट के रोते हैं तेरी याद में अक्सर
अब हर तकलीफ हंसा देती है
अब हर दिलासा रुला देता है
कभी तन्हाइयों में आकर देखना
कैसे रोते हैं दूसरों को हंसाने वाले
दीवाना अगर हंस्ता है तो उसे हंसने दो
क़मबख़्त तन्हाई में रोया भी बहुत होगा
जा क़ासिद अब उनको कह के आ
चार क़ुल बिना आँसुओं के पढ़ लें
सुनो, हर रोज़ रुला देते हो
किसी के दर्द से दर्द नहीं होता तुम्हें?
दिल बहुत करता है हंसने का लेकिन
किसी की कमी रुला देती है
Akelepan Ki Shayari

गुलाब से खुशबू को फना कौन करेगा
पलकों से आँसुओं को जुदा कौन करेगा
एक ग़ज़ल मीर की पढ़ता है पड़ोसी मेरा
एक नमी सी मेरी दीवार में आ जाती है
यकीन करो अगर दर्द तहरीर हो सकता ना..!!
तो मैं लफ़्ज़ों के जनाज़े उठा देता..!! 💔
अब मेरे अश्क-ए-मोहब्बत भी नहीं आपको याद
आप तो अपने ही दामन की नमी भूल गए…!!
तुम्हारे शहर को बादल मुबारक हों
मेरे शहर में मेरी आँखें बरसती हैं
कुछ याद करके आँख से आँसू निकल पड़े
मुद्दत के बाद गुज़रे जो उसकी गली से हम
उसे हर रात जब भूल जाने की क़स्म खाते हैं
टपक पड़ते हैं फिर आँसू, क़स्म फिर टूट जाती है
फिर वो न आए शाम का वादा करके
हम तमाम रात शमा जला जला के रोए
ग़म-ए-जुदाई तो कर ही रही थी बरबाद मुझे मगर
वो तेरा किसी और के साथ वही मोहब्बत करना क़ियामत रहा
रातों का जागना ही ठहरा नसीब अपना
दे कर ग़म-ए-जुदाई जाने कहाँ गए वो
मुझे मालूम है तुम खुश बहुत हो इस जुदाई से
अब ख़्याल रखना अपना, तुम्हें तुम जैसा न मिल जाए
यह भी मुमकिन है कि हर साँस सज़ा हो जाए
यह भी मुमकिन है जुदाई में संवर जाऊँ मैं
मर जाऊं तो लिख देना मेरी संग-ए-लहद पर
मौत अच्छी थी, मगर जुदाई यार से तौबा तौबा
जुदाई तो मोहब्बत की पहचान हुआ करती है
तुम सिर्फ मेरे हो, इस बात का ख़्याल रखना
सबब जो इस जुदाई का बना है
वो मुझसे खूबसूरत है? नहीं तो
अधीर डालें हैं बख़बे मेरे जुदाई ने
कि खा गया है तेरा हिज्र कतर के मुझ को
लाऊँगा कहाँ से मैं जुदाई का हौसला
क्यों इस क़दर क़रीब आ गए हो तुम
आते आते उसे कुछ देर पलट कर देखा
मैं जुदाई की हर एक रस्म निभा कर आया
Alone Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari
फिर यों हुआ कि अश्कों से लेनी पड़ी मदद
लफ़्ज़ों में आ सकी न __ मोहब्बत जनाब की
त़क़ाज़ा कर रहे हो क़हक़हों का
यहाँ रोने की आज़ादी नहीं है
रातों को जागना ही ठहरा नसीब अपना
दे कर ग़म-ए-जुदाई, जाने कहाँ गए वो
कट ही गई जुदाई भी, कब ये हुआ कि मर गए
तेरे दिन भी गुजर गए, मेरे भी दिन गुजर गए
इजाज़त हो तो मांग लूँ तुझे
आँसू बह रहे हैं, दुआ़ रद नहीं होगी
हर आँख में आँसू लाना चाहता हूँ
मैं जवानी में ही मर जाना चाहता हूँ
एक ज़ख़्म नहीं, यहाँ तो सारा वजूद ही ज़ख़्मी है
दर्द भी हैरान है कि उठूँ तो कहाँ से उठूँ
दर्द बन के निकलूँगा तेरी आँख से
लोग तेरे आँसुओं में मेरी तसवीर देखेंगे
उसने गुड़िया को भी गुड्डे से जुदा कर डाला
ख़ुद जो बिछड़ी वो महबूब से अपनी
बस यूं ही छोड़ दिया उसने मुझे
हाय उसने मुझे आज़माया भी नहीं
ठंडे पानी में फेंक कर आँसू
हमने दरिया… जला दिए साहिब
हर दर्द मोहब्बत से उलझा है ग़म-ए-हस्ती
क्या क्या हमें याद आया, जब याद तेरी आई
मत पूछिए मेरे बीते लम्हों की कहानी
मबतला हैं आँखें दर्द में और रोया नहीं जाता
दर्द दिल दे जाया करो खामोशी के साथ
हम अपनों की नवाज़िश ठुकराया नहीं करते
रात भर सिसकियाँ लेता है कोई शख्स यहाँ
कभी दीवार से लग कर, कभी दरवाज़े से
क़ुर्बान मैं उस दर्द पर
जिस दर्द की दवा तुम हो 💔
मेरी आँखें तो अब भी नम हैं
यूँ ही नहीं, बल्कि तेरे लौट आने पर
कोई कितना ही खुश मिज़ाज क्यों न हो
रुला देती है किसी की कमी कभी कभी
अब तो दर्द सहने की इतनी आदत हो गई है
कि जब दर्द नहीं मिलता तो दर्द होता है
अकेलापन शायरी इन हिंदी
चलो फिर काग़ज़ों पर दास्तान-ए-दर्द लिखते हैं
ज़माना मुन्तज़िर होगा ग़मों पर मुस्कुराने का!
दर्द हैया तेरी तलब जो भी हैमुसलसल है….❤
हम तो दर्द लेकर भी याद करते हैं
लोग दर्द दे कर भी भूल जाते हैं
क्यों हर एक शख्स मुझे दर्द दे जाता है
क्या मेरे दिल पे लिखा है यहाँ दर्द लिए जाते हैं
रोने को हम भी रो लें मगर डर सा लगता है
किें कोई फिर हमदर्द बन के दर्द न दे जाए
कुबूल जुर्म करते हैं साहब तेरें क़दमों में गिर कर
सज़ा-ए-मौत है मंज़ूर पर साहब तेरी जुदाई नहीं
उसे तो खो दिया अब न जाने किसे खोना है
लकीरों में जुदाई की आलामत अब भी बाकी है
कभी पास बैठो तो _ बताएं कि दर्द क्या है
यूँ दूर से पूछोगे तो खैरियत ही बताएंगे
इस क़दर तेरी मोहब्बत में ग़ुम हूँ हमसफ़र
कोई तकलीफ भी दे तो दर्द कहाँ होता है
बदगुमानी बढ़ा कर तुमने यह क्या कर दिया
ख़ुद भी तन्हा हो गए मुझ को भी तन्हा कर दिया
एक तमन्ना सी है इस मासूम दिल की ऐ काश
आज आँसुओं के साथ हर ख़्वाब भी बह जाए
यह हमी हैं, कि तेरा दर्द छुपा कर दिल में
काम दुनिया के, बदस्तूर किए जाते हैं
हँसते रहोगे तो दुनिया साथ है वरना
आँसुओं को तो आँख भी जगह नहीं देती
रोते रोते अगर आँसू ज़हर हो जाएं,
क्या ख़ूब हो जो पीते ही मर जाएं।💔
मैं शोर ज़दा इक ख़ाक थी, मेरा वारिस मुझ में आ बसा।
मेरे आँसू मीठे हो गए, मैं इतना रोई इश्क़ में।
हम न जीते हैं और न मरते हैं,
दर्द भेजो न तुम, दवा भेजो।
आज़िज़ सही इश्क़ में, मगर हाय रे लज़्ज़त,
वो दर्द मिला है कि दवा भूल गए हम।
ख़ामोशी बेवजह नहीं होती,
दर्द आवाज़ छीन लेता है।
Alone Sad Shayari In Hindi
तुम करते होगे अपने अल्फ़ाज़ से मुतास्सिर, मगर याद रखो,
मेरी ख़ामोशी से बड़ा कोई उस्ताद नहीं।
ख़ामोशियाँ ही बेहतर हैं,
लफ़्ज़ों से लोग रूठ जाते हैं।
कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल, कब रात बसर होगी,
सुनते थे वो आएंगे, सुनते थे सहर होगी।
अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा दें,
कुछ दर्द कलेजे से लगाने के लिए हैं।
दर्द उठता है तो तसव्वर में आ जाते हैं वो,
ख़ुदा मेरे दर्द की उम्र दराज़ करे।
इश्क़ की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो सही,
दर्द कम हो या ज्यादा हो, मगर हो तो सही।
यह जो चेहरे से तुम्हें लगते हैं बीमार से हम,
ख़ूब रोए हैं लिपट कर दर और दीवार से हम।
आदत के बाद दर्द भी देने लगा मज़ा,
हँस हँस के आह आह किए जा रहा हूँ मैं।
दर्द की क़ीमत हम क्या जानें,
ऐ दोस्त,
हमें सारे मुफ़्त मिले हैं।
यह तो वो दुख हैं जो बताए हमने,
अब वो सोचें जो छुपाए होंगे।
यह तो वो दुख हैं जो बताए हमने,
अब वो सोचें जो छुपाए होंगे।
हर शेर ग़ज़ल का कह रहा है,
तुझ को भी बिछड़ के दुख हुआ है।
कहाँ से आज मेरी रूह में चमक उठे,
वो तेरे दुख जो तुझे याद भी नहीं होंगे।
दुख पे मेरे जो रो रहा था बहुत,
जाते जाते कह गया अच्छा हुआ।
उससे मिलने की ख़ुशी बाद में दुख देती है,
जश्न के बाद का सन्नाटा बहुत खुलता है।
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा,
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा।
ज़िंदगी क्या किसी मुफ़लिस की क़बा है जिस में,
हर घड़ी दर्द के पीवंद लगे जाते हैं।
ज़िंदगी क्या किसी मुफ़लिस की क़बा है जिसमें,
हर घड़ी दर्द के पीवंद लगे जाते हैं।
Final Thoughts
In conclusion, Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari beautifully shows the pain and loneliness in life. These shayaris help comfort those who feel alone. Whether you are looking for Sad Akelepan Shayari, these lines help you express your feelings. Let these words bring peace and help you share your emotions during lonely moments.
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